BPSC परीक्षा के साक्षात्कार मे इसका ब्लूप्रिंट (Blueprint) मुझे देखने को मिला। एक से बढ़कर एक उच्च योग्यता वाले छात्रों और छात्राओं के बायोडाटा (Biodata) पर जब नजर पढ़ता था तो सहसा विश्वास करना मुश्किल होता था कि इतनी अच्छी योग्यता वाले अभ्यर्थी बिहार लोक सेवा में जानें को उत्सुक हैं।
यह आकर्षण पिछले चार पांच वर्षों में तेजी से बढ़ा है। पहले BPSC में आमतौर पर मानविकी विषयों से पढ़े लिखे लोग बडी संख्या में चयनित हुआ करते थे। अब साइंस और इन्जिनियरिंग से स्नातक और परास्नातक छात्रों ने इसमें तेजी से दखलंदाजी की है। जिससे साइंस और इन्जिनियरिंग की पृष्ठभूमि वाले चयनित छात्रों की संख्या में लगातार वृद्धि देखने को मिल रहा है।
एक ओर जहां बहुत से ऐसे भी छात्र छात्राओं से मिला जो वर्तमान में किसी अन्य सरकारी सेवा में लेवल 9 की सैलरी ले रहे थे। वही दुसरी ओर सॉफ्टवेयर इंजीनियर जो देश और विदेशों में 20 लाख रुपए के पैकेज को छोड़कर इस सेवा में जाना चाहते थे। इसके पीछे मुख्य रूप से दो कारण मुझे नजर आया। पहला यह कि इस सेवा में जानें से एक सामाजिक प्रतिष्ठा मिलती है जिसके लिए पूरा बिहार और बिहारी समाज देश के किसी अन्य हिस्से से अधिक महत्व देता है। यह पहले से होता आया है इसमें कोई नई बात नही है।
लेकिन जो दुसरा कारण है उससे मैं बहुत प्रभावित हुआ । वह यह है कि इन युवाओं में अपने मिट्टी अर्थात् बिहार के लिए कुछ कर गुजरने वाली ललक, जो बिहार की सामाजिक, सांस्कृतिक,आर्थिक और तकनीकी रूप से समृद्ध कर सके। अधिकतर छात्र छात्राओं के पास इंजिनियरिंग की डिग्री B.Tech /M.Tech देश के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे IIT,NIT, IISER, DTU ,BITS से पढ़े लिखे आत्मविश्वाश से भरपूर थे। इनकी सोच को अगर पंख लगने वाला सरकार मिले और इनको लीक से हटकर कार्य करने की छूट मिले तो निश्चित रूप से बिहार अपना खोया हुआ गौरव बहुत जल्दी प्राप्त कर लेगा।
BPSC परीक्षा में उत्तीर्ण होने मेरे छात्र/छात्राओं की सूची में एक ऐसी ही उल्लेखनीय मेधावी छात्रा रागिनी कुमारी गुप्ता है जिन्होने 985 रैंक लाकर रेवेन्यू ऑफिसर के पद को प्राप्त किया है। रागिनी की शैक्षणिक पृष्ठभूमि बहुत आकर्षक है इन्होने नॉर्थ बंगाल इंजिनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में B.Tech करने के बाद पुणे यूनिवर्सिटी से MCA (Master in Computer Application) किया है। ये भी हमारे गृह जिले के पास गोपालगंज जिले की रहने वाली है। इनके पिता राधव जी प्रसाद शहर के प्रसिद्ध कारोबारी है।
शुरुआत में रागिनी ने केंद्रीय विद्यालय गोपालगंज में कंप्यूटर साइंस के शिक्षक के रूप में कार्य की उसके बाद अभी तक BCA की प्रोग्रामिंग सीखने वाली फैकल्टी के रूप में कार्य कर रही थी। फिर इन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली का रुख किया और दिल्ली में UPSC की कोचिंग ली। जिसमें मेने भी एक शिक्षक और मार्गदर्शक की अपनी भूमिका निभाई। जिसका परीणाम पहली सफ़लता के रूप में बिहार सरकार में रिवेन्यू ऑफीसर (C O) के पद पर चयनित हुई है। इससे निश्चित रूप से इनका मनोबल बढ़ा होगा और अपनी अगली योजना को और अधिक आत्मविश्वस के साथ क्रमबद्ध कर सकेगी। मेरा मार्गदर्शन और आशिर्वाद इनके साथ आगे भी बना रहेगा। इनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं !
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