“दर्द होता रहा छटपटाते रहे,
आईने॒से सदा चोट खाते रहे,
वो वतन बेचकर मुस्कुराते रहे
हम वतन के लिए॒ सिर कटाते रहे”
Imparting education to the world ….
“दर्द होता रहा छटपटाते रहे,
आईने॒से सदा चोट खाते रहे,
वो वतन बेचकर मुस्कुराते रहे
हम वतन के लिए॒ सिर कटाते रहे”