भारत ने विकसित किया दुनिया का सबसे बड़ा सौर वृक्ष (सोलर ट्री)
(India Develops World’s Largest Solar Tree)
ऊर्जा की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार और नागरिकों सहित वैज्ञानिको को वैकल्पिक और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की खोज और उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया है। इस दिशा में भारतीय वैज्ञानिकों ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) और केंद्रीय यांत्रिक इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (CMERI) ने भारत में दुनिया का सबसे बड़ा सौर वृक्ष (Solar Tree) विकसित किया है।
सोलर ट्री ((Solar Tree)) एक ऐसी संरचना है जिसमें सोलर मॉड्यूल एक ही खंभे पर लगाए जाते हैं, जो एक पेड़ के तने की तरह दिखता है। यह एक कलाकृति और एक ऊर्जा जनरेटर होने के दोहरे उद्देश्य को पूरा करता है।
सोलर ट्री CSIR-CMERI आवासीय कॉलोनी, दुर्गापुर में लगाया गया है। प्रत्येक सौर वृक्ष की कीमत ₹750,000 (~$9,595) होगी। कुल मिलाकर, प्रत्येक पेड़ में 330 वॉट की क्षमता वाले 35 सौर फोटोवोल्टिक (PV) मॉड्यूल हैं। पेड़ को प्रत्येक PV मॉड्यूल के लिए अधिकतम सूर्य के प्रकाश के जोखिम को सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जबकि कम से कम छाया की मात्रा बनाते हैं।
“सौर वृक्ष की स्थापित क्षमता 11.5 kW से ऊपर है, जिसकी वार्षिक क्षमता 12,000-14,000 kWh स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न करने की है। उत्पन्न ऊर्जा की वास्तविक समय या दैनिक निगरानी की जा सकती है।”
मुख्य विशेषताएं:
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research) और केंद्रीय यांत्रिक इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (Central Mechanical Engineering Research Institute) ने भारत में दुनिया का सबसे बड़ा सौर वृक्ष विकसित किया है।
सोलर ट्री एक ऐसी संरचना है जिसमें सोलर मॉड्यूल एक ही खंभे पर लगाए जाते हैं, जो एक पेड़ के तने की तरह दिखता है।
यह एक कलाकृति और एक ऊर्जा जनरेटर होने के दोहरे उद्देश्य को पूरा करता है।
पीवी मॉड्यूल धारण करने वाले हथियारों का झुकाव लचीला होता है और इसे समायोजित किया जा सकता है- एक ऐसी सुविधा जो रूफटॉप सौर प्रणालियों में उपलब्ध नहीं है।
उम्मीद है ऐसे और प्रयास ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने में कारगर साबित होंगे।