मैजिनी- इतालवी राष्ट्रवादी जो 1848 में इटली गणतंत्र के तानाशाह बने। उन्होंने एक स्वतंत्र व एकीकृत इटली की वकालत की।
मेगास्थनीज़- चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में ग्रीक राजदूत, जिन्होंने अपनी ‘इंडिका’ नामक पुस्तक में मौर्य प्रशासन के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
माइकेलएंजिलो (1475-1564 ई.)- इटली के महान चित्रकार एवं मूर्तिकार। इसके द्वारा बनाई गई उत्कृष्टï मूर्तियाँ हैं- पीटर, डेविड, मोजेज आदि जबकि चित्रकृतियाँ हैं- दिवस, रात्रि, ऊषाकाल तथा गोधूलि। इनकी सबसे खूबसूरत चित्रकृति है- ‘द लास्ट जजमेंट’।
मुसोलिनी, बेनितो (1883-1945 ई.)- इतालवी फासिस्ट तानाशाह (1922-43 ई.), द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी और जापान के साथ धुरी का निर्माण। युद्ध में इटली की हार के बाद उसे मृत्युदंड दे दिया गया।
नादिर शाह (1688-1747 ई.)- फारस का बादशाह जिसने 1739 में भारत में आक्रमण करके भयंकर मारकाट की।
नाना साहब पेशवा (1800-1859 ई.)- पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र जिन्होंने 1857 के गदर में केंद्रीय भूमिका निभाई।
नेपोलियन बोनापार्ट (1769-1821 ई.)- फ्रांसीसी सेना के प्रसिद्ध नायक जो 1804 ई. से 1815 ई. तक फ्रांस के सम्राट रहे। उन्होंने इंग्लैंड, ऑस्ट्रिया और रूस के खिलाफ अनेक युद्धों मेंसफलता प्राप्त की, लेकिन 1815 ई. में वाटरलू युद्ध में पराजित हुए।
नरसिंह वर्मन- पल्लव सम्राट जिसने चालुक्य राजा पुलकेशिन द्वितीय को पराजित करने के बाद ‘वातापीकोंडा’ की उपाधि धारण की।
पंपा, पोन्ना, रन्ना- जैन विद्वान जिन्हें कन्नड़ कविता का त्रिरत्न माना जाता है।
पाणिनी- प्रसिद्ध संस्कृत व्याकरणकार जिन्होंने ‘अष्टध्यायी’ लिखी।
पतंजलि- इन्होंने पाणिनी की ‘अष्टाध्यायी’ पर ‘महाभाष्य’ नामक टीका लिखी। उन्होंने योग पर ‘योगसूत्र’ नामक ग्रंथ लिखा।
पटेल, सरदार वल्लभभाई (1875-1950 ई.)- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख हस्ती। भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री सरदार पटेल ने रजवाड़ों के भारतीय संघ में विलय में मुख्य भूमिका अदा की।
प्लेटो (429-347 ई.)- ग्रीक दार्शनिक जिनका पश्चिम पर व्यापक प्रभाव पड़ा। प्रमुख कृतियाँ- ‘द रिपब्लिक’ और ‘द लाज़॥
प्लिनी (23-79 ई.)- रोमन इतिहासकार व प्रकृतिवादी। प्रसिद्ध कृति- ‘नेचुरल हिस्ट्री’।
पुलकेशिन द्वितीय (शासन 608-642 ई.)- दक्कन के चालुक्य वंश का सबसे शक्तिशाली सम्राट जिसने हर्षवद्र्धन को पराजित किया था।
राजगोपालाचारी, चक्रवर्ती (1878-1972 ई.)- भारत के अंतिम व प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल (1948-1950 ई.)। स्वतंत्रता के बाद स्वतंत्र पार्टी की स्थापना की।
राजा राममोहन रॉय (1777-1833 ई.)- बँगाल के समाज सुधारक जिन्होंने सती, पर्दाप्रथा और बालविवाह के उन्मूलन के लिए काफी प्रयास किया। उन्होंने विधवा विवाह और महिला शिक्षा का भी समर्थन किया। वे ‘ब्रह्मï समाज’ के संस्थापक थे।
राजराजा चोल- चोल सम्राट जिसने श्रीलंका पर आक्रमण किया और उसके उत्तरी भाग को अपने राज्य में मिला लिया। तंजौर में राजाराजेश्वर मंदिर का निर्माण कराया।
रवींद्रनाथ टैगोर (1861-1941 ई.)- कवि, उपन्यासकार व दार्शनिक। बंगाल में उन्होंने शांतिनिकेतन की स्थापना की। नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले एशियाई (गीतांजलि)। प्रमुख कृतियाँ- गोरा, डाकघर, घरे बायरे इत्यादि।