By Abhishek Kumar
YOU CAME AND REMAIN
There was nothing special in me
Still you took my hand
We left everyone and see
We went to a different land
In my life you came and remain
I am only for you with all my heart and brain
In my life you came and remain.
You’ve already given me everything
so now, except love ,i don’t need anything
I am yours, you’re mine
Everyone oppose us from time to time
What if sun setting on the other side
We and our love will forever shine
In my life you came and remain
Be with me, we will see the whole world together
To someone it will bother but it not gonna matter
Your love seeps inside me
I love you and you love me
I’ll die if you will not become mine
For me nothing in this world will be fine
In my life you came and remain
I am only for you with all my heart and brain
In my life you came and remain.
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा
हम बुलबुले है इसकी ये गुलसिता हमारा
घुर्बत मे हो अगर हम रहता है दिल वतन मे
समझो वही हमे भी दिल है जहाँ हमारा
परबत वो सब से ऊंचा हमसाय आसमाँ का
वो संतरी हमारा वो पासबा हमारा
गोदी मे खेलती है इसकी हजारो नदिया
गुलशन है जिनके दम से रश्क-ए-जना हमारा
ए अब रौद गंगा वो दिन है याद तुझको
उतर तेरे किनारे जब कारवाँ हमारा
मझहब नही सिखाता आपस मे बैर रखना
हिन्दवी है हम वतन है हिन्दोस्तान हमारा
युनान-ओ-मिस्र-ओ-रोमा सब मिल गये जहाँ से
अब तक मगर है बांकी नामो-निशान हमारा
कुछ बात है की हस्ती मिटती नही हमारी
सदियो रहा है दुश्मन दौर-ए-जमान हमारा
इक़्बाल कोइ मेहरम अपना नही जहाँ मे
मालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहा हमारा
यादों का एक झोंका आया हम से मिलने बरसों बाद
पहले इतना रोये नहीं थे जितना रोये बरसों बाद .
लम्हा लम्हा घर उजरा है मुश्किल से एहसास हुआ
पत्थर आये बरसों पहले शीशे टूटे बरसों बाद .
आज हमारी ख़ाक पे दुनिया रोने धोने बेठी है
फूल हुए हैं जाने कैसे इतने सस्ते बरसों बाद .
भूल भी जाओ कैसे टूटा क्यों टूटा
ढून्ढ रहे हो क्या गलियों में दिल के टुकरे बरसों बाद .
दस्तक की उम्मीद लगाये कब तक ऐसे जीते हम
कल का वादा करने वाले मिलने आये बरसों बाद
अपने हाथों की लकीरों में बसा लो मुझको,
मैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना लो मुझको।
मुझसे तू पूछने आया है वफा के मायने,
यह तेरी सादादिली मार न डाले मुझको।
खुद को मैं कहीं बाँट न लूँ दामन – दामन,
कर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको।
यह किस डगर पे चल पड़ी है ज़िन्दगी
हर तरफ है बेबसी ही बेबसी
इक पल नहीं दिल को करार इस बाज़ी में जीत के भी है हार
की हर सांस में गम छुपा
यह किस डगर पे चल पड़ी है ज़िन्दगी
गम सीने मैं तेरह है
अँधेरा और भी घेरा है
सांसें आती जाती है लेकिन
हर सांस पे पेहरा है
यह किस डगर पे चल पड़ी है ज़िन्दगी
हर रंग चुपचाप से कहता है कि इसमें कौन रहता है।
दीवारे बताती है ये किसका आसमा है और कौन जमीन से जुड़ा रहता है।
किसकी छाया दीवारों पर उभर कर आती है और किसका जहन हर वक्त सपने संजोया करता है ।
कौन है जो दिमाग के रास्ते दिल में आया करता है और कौन है जो सपने में भी में बुलाया करता है।
किसका चहेरा दिवारों पर भी नजर आता है कौन है जो भीनी सी खूशबु महकाया करता है।
और किसका फेलवर चारो तरफ झाया रहता है और किसकी यादों मे यह घर समाया रहता है।
किसकी महक हर बाग में झायी रहती है और कौन भौरा मॅंडराया करता है ।
किसकी ताजगी हर वक्त बसी रहती है और कौन हर वक्त जगमगाया करता है ।
कौन है जो गमों को सहलाया करता है कौन है जो चुपके से मुस्कुराया करता है ।
किसका नशा हर वक्त घुमाया करता है और कौन है जो ये जी गुदगुदाया करता है।
और कौन है जो रंगों के आसमान पर छटा बिखेरा करता है और बह वही एक चेहरा पेन्ट करने को मन करता है।
हॉ, हर रंग चुपचाप से कहता है इसमें कौन रहता है।
हंगामा है क्यों भरका
थोड़ी सी जो पोजीइंग की है
डाका तो नहीं डाला
चोरी तो नही की है
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