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By : Abhishek Kumar

I LOVE YOU SO AS I MISS YOU

The moment i’ve lived and played with you

I love you so as i miss youWhen we fight there was nothing real in that

You took it seriously that left me upset

You left me and went to somewhere far away

left me with your memories alone and i could say

I love you so as I miss you

I want you with me ,yeah with me baby!

I want you to back

If i had done something wrong,Sorry for that

My beloved you’ve got such a big heart,forgive me for that

You left me alone and upset

and only I could say

I love you so as I miss you

Travelled different places in search of you

I found you nowhere

I want you to back

I’ve always loved you so as I’ll do

I could only say to you

that I love you so as I miss you

I love you so as I miss you

Come back to my life,

I love you so as I miss you.

कभी सोचा है ?

हमारे रिश्ते का नाम क्या है ?

दोस्ती

मोहबबत

ज़रूरत

खुवाहिश

जूनून

इश्क

या वोह रिश्ता जो ,

असमान का ज़मीन से

बारिश का सेहरा से है

हकीक़त का खुवाबों से है …

दिन का रात से है

यह कभी भी एक दुसरे से मिल नहीं पाते

लेकिन एक दुसरे के बगैर अधूरे भी हैं

 

आज फिर यह आँखें नम क्यूँ हैं,

जिसे पाया ही नहीं उसे खोने का गम क्यूँ है,

तुझसे मिलके बिछड़े तोह एहसास हुआ,

कि ज़िन्दगी इतनी कम क्यूँ है.

 

 

 

 

हाँ, कोमल बड़ी है, सासन की डोरी

रूठे से भी टूट जाए

बावन तरह से, जी को मनाया

खोजे आजुह तोहरी राहें

उनं बिन उन्हें न पायूँ

उनं बिन उन्हें मैं करवा लगाऊ

उनं बिन उन्हें न मोरा जी लगे हाय

बहे नैना भरे मोरे नैना, झरे मोरे नैना

मोहे नैना सुने नहीं कहना , बहे मोरे नैना

 

 

कभी पहली बार स्कूल जाने में डर लगता था ,

आज हर रास्ता खुद ही चुनते हैं .

कभी माँ – बाप की हर बात सच्ची लगती थी ,

आज उन्ही को हर पल धोखा देते हैं .

परियों की कहानी की जगह रात को चैट करना ज्यादा पसंद हैं .

पहले फर्स्ट आने के लिए पूरा साल पड़ते थे , आज पास होने को तरसते हैं ..

कार्टून्स नही , अब सिर्फ सोंग्स अच्छे लगते हैं .

कभी छोटी सी छोटी बात कितना रुलाती थी ,

आज दिल टूट जाता हैं फिर भी संभल जाते हैं .

पहले दोस्त बस साथ खेलने तक याद रहते थे ,

आज कुछ दोस्त जान से ज्यादा प्यारे लगते हैं .

एक दिन टेंशन का मतलब माँ से पूछना पड़ता था और

आज टेंशन सोल मेट लगता हैं .

एक दिन था जब पल में लड़ना पल में मानना तो रोज़ का काम था ,

आज जो एक बार जुदा हुए तो फिर रिश्ते तक खो जाते हैं ..

सच में ज़िन्दगी ने बहुत कुछ सिखा दिया,

जाने कब हमें इतना बड़ा बना दिया …

कितना बदल गया इंसान…

 

कोई ये कैसे बताये के वो तन्हा क्यों हैं

वो जो अपना था वो ही और किसी का क्यों हैं

यही दुनिया है तो फिर ऐसी ये दुनिया क्यों हैं

यही होता हैं तो आखिर यही होता क्यों हैं

एक ज़रा हाथ बढ़ा, दे तो पकड़ लें दामन

उसके सीने में समा जाये हमारी धड़कन

इतनी क़ुर्बत हैं तो फिर फ़ासला इतना क्यों हैं

दिल-ए-बरबाद से निकला नहीं अब तक कोई

एक लुटे घर पे दिया करता हैं दस्तक कोई

आस जो टूट गयी फिर से बंधाता क्यों हैं

तुम मसर्रत का कहो या इसे ग़म का रिश्ता

कहते हैं प्यार का रिश्ता हैं जनम का रिश्ता

हैं जनम का जो ये रिश्ता तो बदलता क्यों हैं

 

Student’s Gallery-6

 

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